Monday, 13 June 2011

bhrstrachar

अन्ना और बाबा के  सद्विचार से
लड़ो मिलकर सब  भ्रष्ट्राचार से.

kya kisi bhastrachaari ko bhastracaar ke khilaaf aawaj utane ka hak nahi hai

मेरी समझ में यह बात बार बार खटक रही है की भ्रस्ट्राचार के खिलाफ यदि कोई आवाज उठाता  है तो उसे यह कहकर कुचलने की कोशिस की  जाती है की आवाज उठाने वाला भी दूध का धुला नहीं है जबकि भ्रष्ट्राचार के खिलाफ कोई भी आवाज उठाए उसका स्वागत होना चाहिए हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जब राम लंका में चढ़ाई के लिए पुल बना रहे थे उसके पूजन में रावण को बुलाया था.
अरे भाई कानून बनेगा तो फंदा तो उसके गले में भी पड़ेगा न .
 तो आरोप पर्त्यारोप में समय नस्त क्यों?
कैलाश जोशी ९७२०००७३९६